एक पल था जो बीत गया
जो सपना था अब अतीत हुआ
अंतहीन भ्रमण क्या है
ये प्रत्यक्ष प्रतीत हुआ
वो नज़ारे वो मंजर
वो सहारे और खंजर
कुछ खट्टी कुछ मीठी
लम्हे यादें और सफ़र
@रतीश
जो सपना था अब अतीत हुआ
अंतहीन भ्रमण क्या है
ये प्रत्यक्ष प्रतीत हुआ
वो नज़ारे वो मंजर
वो सहारे और खंजर
कुछ खट्टी कुछ मीठी
लम्हे यादें और सफ़र
@रतीश
No comments:
Post a Comment