Wednesday, September 26, 2018

मैं पूर्वाग्रही नहीं हूँ

मैं पूर्वाग्रही नहीं हूँ और न ही डाटा एनालिटिक्स. ..  अरे वही कैंब्रिज अनलिटिका वाले के तरह। ....लेकिन मैंने ये कविता फिर से पोस्ट की उसका मकसद था। ....... अब आप देखिये दो घटना यूपी में ही हो गयी। .... . १. संगीत सोम पे हमला और वो भी कैंटोनमेंट  एरिया में
  २. हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के वाला केस जिसमे पुलिस वाले शामिल थे
साहब चुनाव पास है। ....... और जरूरी नहीं है काण्ड उसी राज्य में हो जिसमे चुनाव हो। ... भावनाएं अब सोशल मीडिया के जरिये भड़काए जाते हैं। .... लेकिन कौन है जो इसका फायदा उठाना चाहता है। ... संगीत जी ठाकुर हैं और चुनाव दो प्रमुख राज्यों में है। ..मध्य प्रदेश और राजस्थान  ठाकुर कम्युनिटी वनरेबल है सत्ताधारी के लिए और हिन्दू मुस्लिम तो सदा के लिए मुद्दा रहता  ही है। कांग्रेस को मुस्लिम वोट खिसकता दिख रहा है खासतौर पर मुस्लिम वोट। ..तो  आने वाले दिनों में तैयार रहिये  कुछ और स्कैंडल्स के लिए

®atish 27th Sep 2018

Tuesday, September 25, 2018

नेताओं की परिभाषा

न हिन्दू मुसलमान को समझता है ,
न मुसलमान हिन्दू को समझता है 
न हिन्दू हिन्दुत्वा को समझता है ,
न मुस्लिम मुस्सल्लम ईमान को समझता है | 

आखिर ये लोग समझते क्या हैं फिर ?
कट्टरता बर्बरता और अपने रसूल ,
कुरीतियाँ थोथापन और बातें फ़िज़ूल ,
सुख शांति और छोड़ के चैन-ओ-अमन 
करते रहते हैं दंगे और विष वमन | 

इनको इनके इष्ट और खुदा जानते होंगे 
भटके पथिक की मानसिकता पहचानते होंगे 
शर्मसार होती मानवता को तो  जानते होंगे 
बढ़ती हुई दानवता और हविश को मानते होंगे | 

फिर खुदा ने अलग किस्म के प्राणी बनाये 
जिन्होंने सामुदायिक ताने बाने को समझा 
अपना गणित बिठाया ,भावनाएं भड़काए 
अपने स्वार्थवश औरों के चूल्हे दिए बुझा | 

धु-धु जलती श्मशान पे अपना हित साधते हैं 
चुनावी मौसम में मेढकों से टरटराते हैं 
वोट की खातिर कुछ भी कर जाते हैं 
ऐसे समझदार प्राणी नेता कहलाते हैं | 

©रतीश