Tuesday, September 25, 2018

नेताओं की परिभाषा

न हिन्दू मुसलमान को समझता है ,
न मुसलमान हिन्दू को समझता है 
न हिन्दू हिन्दुत्वा को समझता है ,
न मुस्लिम मुस्सल्लम ईमान को समझता है | 

आखिर ये लोग समझते क्या हैं फिर ?
कट्टरता बर्बरता और अपने रसूल ,
कुरीतियाँ थोथापन और बातें फ़िज़ूल ,
सुख शांति और छोड़ के चैन-ओ-अमन 
करते रहते हैं दंगे और विष वमन | 

इनको इनके इष्ट और खुदा जानते होंगे 
भटके पथिक की मानसिकता पहचानते होंगे 
शर्मसार होती मानवता को तो  जानते होंगे 
बढ़ती हुई दानवता और हविश को मानते होंगे | 

फिर खुदा ने अलग किस्म के प्राणी बनाये 
जिन्होंने सामुदायिक ताने बाने को समझा 
अपना गणित बिठाया ,भावनाएं भड़काए 
अपने स्वार्थवश औरों के चूल्हे दिए बुझा | 

धु-धु जलती श्मशान पे अपना हित साधते हैं 
चुनावी मौसम में मेढकों से टरटराते हैं 
वोट की खातिर कुछ भी कर जाते हैं 
ऐसे समझदार प्राणी नेता कहलाते हैं | 

©रतीश 



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